Television ka avishkar kisne kiya? जानें टीवी के इतिहास, प्रारंभिक आविष्कार और विकास की कहानी। पढ़ें टेलीविजन प्रौद्योगिकी के जनक और उनके योगदान के बारे में।
टेलीविजन का आविष्कार किसने किया: जानें इतिहास
आज, टेलीविज़न हमारे दैनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इसका आविष्कार किसने किया था? टेलीविज़न की शुरुआत कब और कहां हुई, यह जानने के लिए चलिए इतिहास पर एक नज़र डालें।
स्कॉटिश इंजीनियर जॉन लोगी बेयर्ड ने 1924 में टेलीविज़न का आविष्कार किया। उनका यह आविष्कार लोगों की जिंदगी में बड़ा बदलाव लाया। भारत में टेलीविज़न की शुरुआत सितंबर 1959 में हुई थी।
यूनेस्को की मदद से हुई थी। आकाशवाणी भवन की पांचवीं मंजिल पर पहला ऑडिटोरियम बनाया गया। इस उद्घाटन का श्रेय देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को जाता है।
टेलीविजन क्या है?
टेलीविजन एक माध्यम है जो काले-सफेद या रंगीन तस्वीरें और आवाज़ दिखाता है। यह विज्ञापन, मनोरंजन, समाचार और खेल के लिए बहुत उपयोगी है। टीवी को अक्सर टेली या टेल कहा जाता है।
टीवी प्रौद्योगिकी
टेलीविजन में दो मुख्य प्रौद्योगिकियां हैं – मैकेनिकल और इलेक्ट्रॉनिक। जॉन लोगी बेयर्ड ने 1925 में मैकेनिकल टेलीविजन का आविष्कार किया। फिलो फार्नसवर्थ ने 1927 में इलेक्ट्रॉनिक टेलीविजन का आविष्कार किया।
वर्नर फ्लेक्शिग ने 1938 में रंगीन टेलीविजन का आविष्कार किया। उन्होंने शैडो मास्क तकनीक का उपयोग किया।
टेलीविजन ब्रॉडकास्ट
टेलीविजन छवियों और ध्वनि को प्रसारित करने के लिए उपयोग किया जाता है। शुरुआत में, यह सरकारी नेटवर्क के माध्यम से होता था। बाद में, निजी चैनलों का उदय हुआ।
भारत में टेलीविजन का पहला प्रसारण 1959 में दिल्ली में हुआ था। भारत का पहला निजी चैनल जीटीवी 1992 में शुरू हुआ।
टेलीविजन के आविष्कारक | आविष्कार का वर्ष |
---|---|
जॉन लोगी बेयर्ड | 1925 |
फिलो फार्नसवर्थ | 1927 |
वर्नर फ्लेक्शिग | 1938 |
आज, भारत में 850 से अधिक टेलीविजन चैनल हैं। टेलीविजन देखना लोगों के दैनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एक शक्तिशाली संचार माध्यम है, जो शिक्षा और मनोरंजन दोनों के लिए उपयोगी है।
टेलीविजन के आविष्कारक कौन हैं?
टेलीविज़न का आविष्कार जॉन लॉजी बेयर्ड (1888-1946) ने किया था। वह स्कॉटलैंड के पश्चिमी तट के हेलेंसबर्ग में पैदा हुआ था। बेयर्ड को बीमारी के कारण जीवन भर परेशानी हुई, लेकिन उन्होंने टेलीविज़न में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए।
बेयर्ड ने 2 अक्टूबर 1925 को पहली ग्रेस्केल तस्वीर को सफलतापूर्वक प्रसारित किया। 1926 में, उन्होंने दुनिया की पहली लाइव वर्किंग टेलीविज़न प्रणाली दिखाई। 1928 में, उन्होंने दुनिया का पहला रंगीन प्रसारण किया। बेयर्ड को “टीवी का जनक” और “टेलीविज़न प्रौद्योगिकी के अग्रणी” के रूप में जाना जाता है।
जॉन लॉजी बेयर्ड के अलावा, कॉन्स्टेंटिन पर्स्की ने 1900 में पेरिस प्रदर्शनी में “टेलीविज़न” शब्द को प्रस्तुत किया। यूजीन पोली ने टेलीविज़न रिमोट कंट्रोल का आविष्कार किया।
टेलीविजन का आविष्कार कैसे हुआ?
जॉन लोगी बेयर्ड ने टेलीविज़न के आविष्कार में बड़ा योगदान दिया। उन्होंने 1922 से टेलीविज़न पर काम करना शुरू किया और 1923 में अपना पहला टेलीविज़न पेटेंट लिया। बेयर्ड ने 1925 में पहले प्रोटोटाइप टेलीविज़न का प्रदर्शन किया और इसके बाद जनवरी 1926 में लोगों की छवियों के प्रसारण का पहला सार्वजनिक प्रदर्शन किया।
बेयर्ड ने टेलीविज़न तकनीक का विकास जारी रखा। उन्होंने 1928 में पहली यांत्रिक रंगीन टेलीविज़न प्रणाली का प्रदर्शन किया और 1941 में पहली इलेक्ट्रॉनिक रंग प्रणाली का प्रदर्शन किया। इस तरह, बेयर्ड ने टेलीविज़न के आविष्कार प्रक्रिया में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
Television ka avishkar kisne kiya
टेलीविज़न का आविष्कार जॉन लोगी बेयर्ड (1888-1946) ने किया था। बेयर्ड को बीमारी के कारण जीवनभर परेशानी हुई। लेकिन उन्होंने टेलीविज़न के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए।
वे टेलीविज़न के जनक माने जाते हैं। उनकी नवाचारी भावना ने इस प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाया।
1925 में, बेयर्ड ने टेलीविजन का पहला आविष्कार किया। इसके बाद, 1927 में फिलो फार्नवर्थ ने इलेक्ट्रॉनिक टेलीविज़न का आविष्कार किया।
1930 में, BBC ने टेलीविजन पर प्रसारण शुरू किया। भारत में टेलीविजन का पहला प्रसारण 1959 में हुआ। 1982 में रंगीन टेलीविजन की शुरुआत हुई।
1992 में, Zee TV ने भारत में सबसे पहला प्राइवेट टीवी चैनल शुरू किया।
आज, टेलीविज़न हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हर साल 21 नवंबर को वर्ल्ड टेलीविजन डे मनाया जाता है। टेलीविज़न का आविष्कारक, टीवी के जनक और टेलीविज़न प्रौद्योगिकी के पीयर जॉन लोगी बेयर्ड का योगदान बहुत महत्वपूर्ण है।
दुनिया में टेलीविजन का विकास
टेलीविज़न का विकास बहुत दिलचस्प रहा है। टेलीविज़न प्रौद्योगिकी का इतिहास दिखाता है कि बेयर्ड के महत्वपूर्ण योगदान ने इसे आगे बढ़ाया।
1925 में, जॉन लोगी बेयर्ड ने पहला टेलीविजन प्रोटोटाइप दिखाया। 1926 में, उन्होंने लोगों की पहली तस्वीरें दिखाईं। 1928 में, उन्होंने रंगीन टेलीविज़न का पहला प्रदर्शन किया। 1941 में, उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक रंग प्रणाली का प्रदर्शन किया।
इन उपलब्धियों से, बेयर्ड को टेलीविज़न के जनक माना जाता है। उनका योगदान बहुत महत्वपूर्ण था।
भारत में टेलीविजन आविष्कार का इतिहास
भारत में टेलीविजन की शुरुआत 15 सितंबर, 1959 को हुई थी। यूनेस्को की मदद से यह शुरू हुआ। पहला टीवी ऑडिटोरियम आकाशवाणी भवन की पांचवीं मंजिल पर बनाया गया था।
उस समय, देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने इसका उद्घाटन किया था। शुरुआत में, भारत में टीवी का आगमन हफ्ते में दो बार दिन में एक घंटे के लिए होता था।
1959 में भारत में टेलीविजन की शुरुआत हुई
1972 में दूसरा टेलीविजन स्टेशन बॉम्बे (अब मुंबई) में खोला गया। इसके बाद, 1975 में कलकत्ता, मद्रास और लखनऊ में भी स्टेशन खोले गए।
टीवी प्रौद्योगिकी का भारतीय इतिहास देखें तो पहला समाचार बुलेटिन 1965 में शुरू हुआ था। इसकी अवधि पांच मिनट थी। 1982 के एशियाई खेलों में देश में टेलीविज़न की शुरुआत कलर प्रसारण के साथ हुई थी।
प्रारंभिक टेलीविजन आविष्कार
टेलीविज़न के शुरुआती दिनों में जॉन लोगी बेयर्ड ने बहुत कुछ किया। उन्होंने 1922 से ही इस क्षेत्र पर काम करना शुरू किया। 1923 में उन्होंने अपना पहला टेलीविजन पेटेंट प्राप्त किया।
1925 में, बेयर्ड ने पहला टेलीविजन प्रोटोटाइप दिखाया। यह एक बड़ा कदम था। यह टेलीविज़न के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था। 2024 Television ka avishkar kisne kiya
इसके अलावा, कई अन्य वैज्ञानिकों ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। 1927 में, फिलो फार्नसवर्थ ने इलेक्ट्रॉनिक टेलीविजन बनाया। 1938 में, वर्नर फ्लेक्सिग ने रंगीन टेलीविजन का आविष्कार किया।
इन उपलब्धियों ने टीवी को आगे बढ़ाया। टेलीविजन एक सार्वजनिक माध्यम बन गया।
प्रमुख घटनाएं | वर्ष |
---|---|
टेलीविजन का प्रथम आविष्कार | 1925 |
पहला इलेक्ट्रॉनिक टेलीविजन | 1927 |
पहली रंगीन टेलीविजन प्रणाली | 1938 |
पहले 1 मिलियन टेलीविजन सेट की बिक्री | 1939 |
पहला टेलीविजन नेटवर्क स्थापित | 1946 |
इस प्रकार, टेलीविज़न के शुरुआती दिनों में बहुत कुछ हुआ। यह एक सार्वजनिक माध्यम बन गया। इसके व्यावसायीकरण और जनता तक पहुंच बढ़ी।
टेलीविजन के विकास की महत्वपूर्ण मील के पत्थर
जॉन लोगी बेयर्ड ने टेलीविज़न प्रौद्योगिकी में बहुत बड़ा योगदान दिया। उन्होंने 1926 में पहली बार लोगों की छवियों का प्रसारण किया। यह एक बहुत बड़ा मील का पत्थर था।
इसके बाद, उन्होंने 1928 में पहली यांत्रिक रंगीन टेलीविजन प्रणाली का प्रदर्शन किया। यह टीवी तकनीक में क्रांतिकारी उपलब्धियों में से एक थी।
बेयर्ड की इन उपलब्धियों ने टेलीविजन प्रौद्योगिकी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उन्होंने 1941 में पहली इलेक्ट्रॉनिक रंग टीवी प्रणाली का भी प्रदर्शन किया। यह भी बेयर्ड के प्रमुख योगदान में से एक था।
इन क्रांतिकारी घटनाक्रमों ने टेलीविजन प्रौद्योगिकी को बहुत आगे बढ़ाया। ये घटनाएं आधुनिक टीवी के निर्माण की नींव रखीं।
टेलीविजन के आविष्कारक की उपलब्धियां और पुरस्कार
जॉन लोगी बेयर्ड को 1937 में एडिनबर्ग की रॉयल सोसाइटी ने आनरेरी फैलोशिप से सम्मानित किया। उन्होंने टेलीविज़न प्रौद्योगिकी में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं।
उनकी उपलब्धियों में 1926 में लोगों की छवियों का प्रसारण, 1928 में पहली रंगीन टेलीविजन प्रणाली का प्रदर्शन और 1941 में पहली इलेक्ट्रॉनिक रंग प्रणाली का प्रदर्शन शामिल है। ये उपलब्धियां बेयर्ड के योगदान की सराहना करती हैं।
बेयर्ड की उपलब्धियों से पता चलता है कि वह टेलीविज़न के आविष्कारक के रूप में बहुत महत्वपूर्ण थे। उनके प्रयासों ने टेलीविजन के क्षेत्र में बड़ी प्रगति की।
टेलीविजन आविष्कार की गाथा
टेलीविज़न का आविष्कार 1924 में हुआ था। टेलीविज़न प्रौद्योगिकी का इतिहास देखें, तो स्कॉटिश इंजीनियर जॉन लोगी बेयर्ड ने 1922 से काम करना शुरू किया। 1923 में उन्होंने अपना पहला पेटेंट प्राप्त किया। Television ka avishkar kisne kiya
उन्होंने 1925 में पहला प्रोटोटाइप टेलीविज़न प्रदर्शित किया। इसके बाद, उन्होंने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं।
बेयर्ड की उपलब्धियों ने टीवी के विकास का सफर को तेज कर दिया। 1926 में उन्होंने पहली बार लोगों की छवियां प्रसारित कीं।
1928 में उन्होंने पहली रंगीन टेलीविज़न प्रणाली दिखाई। 1941 में उन्होंने पहली इलेक्ट्रॉनिक रंग टीवी प्रणाली भी दिखाई।
टेलीविज़न के आविष्कारक की कहानी में ये मील के पत्थर बहुत महत्वपूर्ण हैं। ये उपलब्धियां आधुनिक टेलीविज़न की नींव रखीं।
इन उपलब्धियों ने दुनिया भर में टेलीविज़न के प्रसार को बढ़ाया। आम जनता के लिए इसका उपयोग भी आसान हो गया।