पृथ्वी को घेरने वाले गैसों के मिश्रण को वायुमंडल कहते हैं। जानें वायुमंडल क्या ह, इसकी संरचना, महत्व और प्रदूषण के प्रभाव के बारे में।vayumandal kya h
वायुमंडल क्या ह – पृथ्वी का वायु आवरण
क्या आप जानते हैं कि पृथ्वी को घेरे वाला यह गैस मिश्रण क्या है? यह वायुमंडल है। यह पृथ्वी की सतह से सैकड़ों किलोमीटर तक फैला हुआ है। इसमें नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, आर्गन और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गैसें हैं।
वायुमंडल क्या है, वायुमंडल परिभाषा, वायुमंडल संरचना और वायुमंडल महत्व के बारे जानें।
वायुमंडल पृथ्वी पर जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करता है और गर्मी को संतुलित करता है। यह प्राणियों को सांस लेने के लिए ऑक्सीजन भी देता है।
तो आप जानते हैं कि वायुमंडल कैसे काम करता है और इसका हमारे प्लानेट पर क्या महत्व है?
वायुमंडल परिभाषा
वायुमंडल पृथ्वी के चारों ओर एक गैस का घेरा है। यह पृथ्वी को एक कांच के घर की तरह घेरता है। यह सैकड़ों किलोमीटर तक फैला हुआ है।
वायुमंडल की अवधारणा सभी ग्रहों और खगोलीय पिंडों के लिए लागू है। जहां गैसों का एक आवरण पाया जाता है, वहां इसे ग्रहीय वातावरण कहा जाता है।
वायुमंडल क्या है
वायुमंडल पृथ्वी के चारों ओर फैले हुए गैसों का एक घेरा है। यह पृथ्वी के सतह से लेकर सैकड़ों किलोमीटर तक फैला हुआ है।
इस वायुमंडल में नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, आर्गन और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गैसें मौजूद हैं।
ग्रहीय वातावरण की अवधारणा
ग्रह या खगोलीय पिंड के चारों ओर गैसों का एक आवरण होता है। इसे ग्रहीय वातावरण कहा जाता है। यह वायुमंडल का एक सामान्य सिद्धांत है।
यह सभी ग्रहों और खगोलीय पिंडों पर लागू होता है। इसलिए, वायुमंडल का अध्ययन पृथ्वी तक ही सीमित नहीं है।
गैस | अनुपात (%) |
---|---|
नाइट्रोजन | 78.084% |
ऑक्सीजन | 20.946% |
आर्गन | 0.9340% |
कार्बन डाइऑक्साइड | 0.04% |
अन्य गैसें | 0.0256% |
इस प्रकार, वायुमंडल पृथ्वी के चारों ओर फैले हुए गैसों का एक घेरा है। यह खगोलीय पिंडों की अवधारणा के लिए भी लागू होता है।
वायुमंडल संगठन
पृथ्वी का वायुमंडल बहुत जटिल है। इसमें कई महत्वपूर्ण गैसें होती हैं। वायुमंडल संगठन और घटकों का अध्ययन करना बहुत जरूरी है।
वायुमंडल घटक
वायुमंडल गैसों का अनुपात बहुत स्थिर है। इसमें नाइट्रोजन 78.09 प्रतिशत, ऑक्सीजन 20.95 प्रतिशत, आर्गन 0.93 प्रतिशत और कार्बन डाइऑक्साइड 0.03 प्रतिशत है।
इसके अलावा, छोटी मात्रा में हाइड्रोजन, हीलियम, ओजोन, नियॉन, जेनॉन जैसी गैसें भी होती हैं। ऊंचाई बढ़ने पर वायुमंडल गैसों का अनुपात भी बदलता है।
vayumandal kya h गैसों का अनुपात
गैस | प्रतिशत |
---|---|
नाइट्रोजन | 78.09% |
ऑक्सीजन | 20.95% |
आर्गन | 0.93% |
कार्बन डाइऑक्साइड | 0.03% |
अन्य गैसें | 0.00% |
इस प्रकार, वायुमंडल संरचना में मुख्य गैसों का सही अनुपात जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
“वायुमंडल में गैसों का अनुपात बहुत स्थिर है और जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।”
क्षोभमंडल – नीचली परत
वायुमंडल का निचला भाग, जो पृथ्वी की सतह से लगभग 12 किलोमीटर ऊपर तक फैला हुआ है, क्षोभमंडल कहलाता है। यह वायुमंडल की सबसे घनी परत है। यहां मौसमी घटनाएं और लगभग सभी प्रकार के बादल पाए जाते हैं।
क्षोभमंडल में ऊंचाई के साथ तापमान कम होता जाता है। इसकी ऊपरी सीमा ट्रोपोपॉज़ कहलाती है।
क्षोभमंडल में हवा की गति लगभग 0 से 300 किमी/घंटा तक होती है। इस परत में मौसम और जलवायु परिवर्तन होते हैं। इसमें बादल, वर्षा, बर्फ, आंधी और भूकंप शामिल हैं।
यह वायुमंडल की सबसे छोटी परत है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण भी है। यह जीवन के लिए आवश्यक कई प्राकृतिक घटनाओं को संचालित करती है।
वायुमंडल की परतें | विशेषताएं |
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क्षोभमंडल |
|
क्षोभमंडल में ऊंचाई के साथ तापमान में कमी आती जाती है। इसे वर्टिकल तापमान विन्यास कहा जाता है। यह वर्टिकल तापमान विन्यास मौसम और जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार है।
इस तरह, क्षोभमंडल वायुमंडल की सबसे महत्वपूर्ण और गतिशील परत है।
“क्षोभमंडल में हवा की गति लगभग 0 से 300 किमी/घंटा तक होती है।”
- क्षोभमंडल की ऊंचाई लगभग 6-20 किमी तक होती है।
- इस परत में तापमान में लगभग 6.5 डिग्री सेल्सियस प्रति किलोमीटर की दर से गिरावट होती है।
- क्षोभमंडल में मुख्य रूप से नाइट्रोजन (78.08%), ऑक्सीजन (20.95%) और अन्य गैसें शामिल हैं।
- यह परत जीवन के लिए आवश्यक प्राकृतिक घटनाओं को संचालित करती है।
वायुमंडल क्या है और उसका महत्व
वायुमंडल पृथ्वी के चारों ओर फैला हुआ एक गैसों का मिश्रण है। यह जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। वायुमंडल की भूमिका यह है कि यह पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करता है। इससे पृथ्वी और उसके जीव सुरक्षित रहते हैं।
वायुमंडल का महत्व यह है कि यह तापमान को संतुलित करता है। यह दिन और रात के तापमान में अंतर को कम करता है। साथ ही, यह ऑक्सीजन देकर सभी जीवित प्राणियों के लिए आवश्यक है।
वायुमंडल में नाइट्रोजन और ऑक्सीजन का करीब 99% हिस्सा है। शेष 1% में अन्य गैसें हैं। यह सभी वायुमंडल की भूमिका को प्रभावित करते हैं।
वायुमंडल पृथ्वी के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह वायु, पानी और खाद्य पदार्थों को उपलब्ध कराता है। यह पृथ्वी को कोस्मिक विकिरण से भी सुरक्षित रखता है। इसलिए, वायुमंडल का महत्व बहुत बड़ा है।
वायुमंडल संरचना
वायुमंडल पृथ्वी की सतह से 700 किलोमीटर तक फैला हुआ है। वायुमंडल की परतें तापमान, दबाव और गैसों के अनुपात से बनाई गई हैं। प्रत्येक परत में विशिष्ट गुण और घटनाएं होती हैं।
परतों का विभाजन
वायुमंडल का विभाजन निम्नानुसार है:
- क्षोभमंडल (Troposphere): यह वायुमंडल की सबसे निचली परत है। यह पृथ्वी की सतह से 12 किलोमीटर तक फैली हुई है। इसमें बादल, वर्षा, और तूफान जैसी मौसम संबंधी घटनाएं होती हैं।
- समतापमंडल (Stratosphere): यह परत क्षोभमंडल के ऊपर 12 से 50 किलोमीटर तक फैली हुई है। इसमें ओजोन परत होती है, जो सूर्य की हानिकारक किरणों को रोकती है।
- मध्यमंडल (Mesosphere): यह परत समतापमंडल के ऊपर 50 से 80 किलोमीटर तक फैली हुई है। यहां तापमान धीरे-धीरे गिरता जाता है।
- तापमंडल (Thermosphere): यह परत मध्यमंडल के ऊपर 80 से 700 किलोमीटर तक फैली हुई है। इसमें तापमान बहुत अधिक होता है। यहां प्रकाशीय घटनाएं जैसे ऑरोरा होती हैं।
इन परतों के आधार पर वायुमंडल की संरचना बनती है। प्रत्येक परत में विशिष्ट गुण और घटनाएं होती हैं।
वायुमंडल गुण
वायुमंडल के भौतिक और रासायनिक गुण पृथ्वी के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इसमें मौजूद विभिन्न गैरों के अनुपात से कई गुण बनते हैं।
भौतिक गुण
वायुमंडल के भौतिक गुणों में तापमान, दबाव, घनत्व और वायु का संचरण शामिल हैं। ये गुण वायुमंडल को पृथ्वी के लिए उपयुक्त बनाते हैं।
रासायनिक गुण
रासायनिक गुणों में ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य शामिल हैं। ये गुण वायुमंडल को जीवन के लिए आवश्यक बनाते हैं।
“वायुमंडल के भौतिक और रासायनिक गुणों का संतुलन पृथ्वी के जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।”
गुण | विवरण |
---|---|
तापमान | वायुमंडल का तापमान पृथ्वी की सतह से ऊपर घटता है। |
दबाव | वायुमंडल का दबाव पृथ्वी की सतह से ऊपर कम होता है। |
घनत्व | वायुमंडल का घनत्व पृथ्वी की सतह से ऊपर कम होता है। |
वायु का संचरण | वायुमंडल में वायु का संचरण हवाएं, वाद्य, तूफान आदि के रूप में होता है। |
समतापमंडल – ओजोन परत की महत्ता
समतापमंडल पृथ्वी की सतह से 12 से 50 किलोमीटर ऊपर है। इसे ओजोन परत भी कहा जाता है। यहाँ तापमान ऊंचाई के साथ बढ़ता है।
ओजोन गैस ऊष्मा उत्पन्न करती है। यह परत बादलों और मौसमी घटनाओं से मुक्त है। जेट विमान भी यहाँ उड़ान भरते हैं।
ओजोन परत सूर्य की हानिकारक किरणों को अवशोषित करती है। यह पृथ्वी और जीवों की रक्षा करती है।
पृथ्वी के वायुमंडल में ओजोन का 90% से अधिक भाग है। यह समतापमंडल या ओजोन परत है। यह सूर्य की हानिकारक किरणों को अवशोषित करती है।
यह परत 10 से 30 किमी तक फैली हुई है। इसकी मोटाई मौसम और भौगोलिक कारकों पर निर्भर करती है।
1913 में फ्रांसीसी वैज्ञानिक फ्याबी और बुइसन ने समतापमंडल का अध्ययन किया। 1928 से 1958 तक डोबसन ने ओजोन का मापन के लिए एक तकनीक विकसित की।
विशेषताएं | महत्व |
---|---|
– 12 से 50 किमी ऊंचाई पर स्थित – तापमान ऊंचाई के साथ बढ़ता है – बादलों और मौसमी घटनाओं से मुक्त – जेट विमान इसी परत में उड़ान भरते हैं |
– पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करके पृथ्वी और जीवों की सुरक्षा – वायुमंडल का 90% से अधिक ओजोन इसी परत में मौजूद – 1913 में पहली बार अध्ययन किया गया – 1928-58 में डोबसन ने पृथ्वी से मापन करने की तकनीक विकसित की |
समतापमंडल या ओजोन परत पृथ्वी और जीवों को हानिकारक किरणों से बचाती है। इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रयास किए जा रहे हैं।
वायुमंडल प्रभाव
वायुमंडल पृथ्वी और जीवन पर बहुत बड़ा प्रभाव डालता है। यह पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करके सभी जीवित प्राणियों को सुरक्षित रखता है। वायुमंडल में मौजूद ऑक्सीजन गैर जीवन के लिए बहुत जरूरी है।
वायुमंडल में होने वाली विविध मौसमी घटनाएं जैसे वर्षा, हवा के बहाव, बादल आदि मानव जीवन और कृषि गतिविधियों को प्रभावित करती हैं।
मौसम और जलवायु प्रभाव
वायुमंडल में होने वाली विभिन्न घटनाएं जैसे वर्षा, हवा के बहाव, बादल आदि मौसम को प्रभावित करती हैं। इन मौसमी घटनाओं का प्रत्यक्ष प्रभाव मानव जीवन और कृषि गतिविधियों पर पड़ता है।
इसके अलावा, वायुमंडल में होने वाले दीर्घकालिक परिवर्तन जलवायु को भी प्रभावित करते हैं। वायुमंडल में होने वाले प्रदूषण के कारण जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
वायुमंडलीय घटनाएं | मौसम पर प्रभाव | जलवायु पर प्रभाव |
---|---|---|
वर्षा | वर्षा के मौसम पर प्रभाव | दीर्घकालिक जलवायु परिवर्तन |
हवा का बहाव | पवन के पैटर्न पर प्रभाव | जलवायु परिवर्तन |
बादल | आर्द्रता और तापमान को प्रभावित करते हैं | जलवायु परिवर्तन |
“वायुमंडल में होने वाले प्रदूषण के कारण जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।”
इस प्रकार, वायुमंडल पृथ्वी और जीवन पर कई प्रकार के प्रभाव डालता है। यह न केवल जीवन को सुरक्षित रखता है, बल्कि मौसम और जलवायु को भी प्रभावित करता है, जिससे मानव जीवन और कृषि गतिविधियां प्रभावित होती हैं।
वायुमंडल प्रदूषण और संरक्षण
वायुमंडल प्रदूषण एक बड़ी समस्या है। यह मानव गतिविधियों के कारण होता है। कारखाने, वाहन और अन्य स्रोत प्रदूषक वायुमंडल को दूषित करते हैं।
जलवायु परिवर्तन, ओजोन परत का क्षरण और अन्य समस्याएं होती हैं।
वायुमंडल को संरक्षित करने के लिए प्रदूषण को नियंत्रित करना जरूरी है। उत्सर्जन कम करना और वृक्षारोपण करना महत्वपूर्ण है।
वायु गुणवत्ता मॉनिटर का उपयोग और प्रदूषण कम करने के अभियान भी आवश्यक हैं। घरेलू प्रदूषण स्रोतों पर नियंत्रण भी जरूरी है।
भारत में हर साल लाखों लोग वायु प्रदूषण के कारण मर जाते हैं। श्वसन रोग भी बढ़ रहे हैं। सरकार, संगठन और नागरिकों को मिलकर इस समस्या का समाधान खोजना होगा।